कहानी का शीर्षक: ‘सातवां दरवाज़ा’

कहानी का शीर्षक: ‘सातवां दरवाज़ा’

प्रस्तावना:
कहानी उस रहस्यमय हवेली की है, जो शहर के बाहर वीराने में खड़ी है। लोग कहते हैं कि वहां सात दरवाज़े हैं, लेकिन सातवां दरवाज़ा कभी खुलता नहीं। जिसने भी उसे खोलने की कोशिश की, वह कभी वापस नहीं लौटा।


कहानी की शुरुआत:

रवि, एक युवा पत्रकार, रहस्यमय कहानियों पर रिसर्च करने के लिए जाना जाता है। एक दिन उसे पता चलता है कि एक पुरानी हवेली में अजीब घटनाएं होती हैं। उत्सुकता और सनसनीखेज रिपोर्टिंग के लालच में, वह उस हवेली के बारे में पता लगाने का फैसला करता है।

गांव वाले रवि को चेतावनी देते हैं,
“उस हवेली के करीब मत जाना। सातवां दरवाज़ा केवल मौत का रास्ता है।”
लेकिन रवि ने इन बातों को अंधविश्वास मानकर अनदेखा कर दिया।


हवेली के अंदर:

रवि हवेली पहुंचता है। विशाल लकड़ी के दरवाजे अपने आप खुल जाते हैं, जैसे किसी ने उसे आमंत्रण दिया हो। अंदर की दीवारों पर अजीब-सी पेंटिंग्स थीं, जिनमें आंखें जैसे रवि को देख रही हों।

हवेली में छह दरवाज़े थे। हर दरवाज़ा अलग-अलग धातु से बना हुआ था – सोना, चांदी, तांबा, लोहा, लकड़ी और पत्थर। लेकिन सातवां दरवाज़ा काले संगमरमर का था, जिसके ऊपर लाल रंग से कुछ लिखा हुआ था:
“जिसने इसे खोला, उसने खुद को खो दिया।”


सातवां दरवाज़ा खोलने की कोशिश:

रवि ने छह दरवाज़ों के पीछे छुपे रहस्यों को खोजना शुरू किया। हर दरवाज़े के पीछे अजीब और खतरनाक पहेलियां थीं। जैसे-जैसे वह आगे बढ़ा, हर दरवाज़े ने उसे डराया, लेकिन उसने हिम्मत नहीं छोड़ी।

आखिरकार, वह सातवें दरवाज़े के सामने खड़ा था। उसने अपने कैमरे को सेट किया और दरवाज़े को खोलने की कोशिश की। दरवाज़ा खुला, और एक तेज़ हवा के साथ अंधकार फैल गया।


रहस्य और रोमांच:

दरवाज़े के अंदर उसे एक पुरानी डायरियां मिलीं, जिनमें हवेली के मालिक, राजा विक्रम के बारे में लिखा था। डायरियों में लिखा था कि राजा विक्रम ने काले जादू का प्रयोग करके अमरता पाने की कोशिश की थी। लेकिन उसकी आत्मा उसी दरवाज़े में कैद हो गई।

अचानक, रवि को लगा कि कोई उसके पीछे खड़ा है। उसने मुड़कर देखा, और एक धुंधली आकृति धीरे-धीरे उसकी तरफ बढ़ने लगी। वह विक्रम की आत्मा थी, जो अब रवि को अपना शिकार बनाना चाहती थी।


क्लाइमेक्स:

रवि ने हिम्मत करके दरवाज़े को बंद करने की कोशिश की। जैसे ही दरवाज़ा बंद हुआ, हवेली हिलने लगी। रवि भागते-भागते किसी तरह बाहर निकल गया। लेकिन उसके कैमरे में रिकॉर्ड की गई हर फुटेज गायब हो चुकी थी।


अंत:

रवि ने अपनी कहानी लिखी और प्रकाशित की। उसकी रिपोर्ट ने लोगों को चौंका दिया। लेकिन उसके मन में हमेशा सवाल बना रहा –
“क्या राजा विक्रम की आत्मा अब भी वहां कैद है, या उसने मुझे अपना रास्ता बना लिया?”


संभावित संवाद:

  1. “हर दरवाज़ा एक रहस्य छुपाए है, लेकिन कुछ रहस्य कभी उजागर नहीं होने चाहिए।”
  2. “कभी-कभी, सच्चाई जानने का जुनून खुद को खोने की कीमत पर आता है।”

क्या खास बनाता है इस कहानी को:

  • रोमांच, रहस्य और डर का मिश्रण।
  • एक ऐसा ट्विस्ट, जो पाठकों को सोचने पर मजबूर कर दे।
  • अंत में खुला सवाल, जिससे लोग कहानी पर चर्चा करें।

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